Shatavari Churna 100gm
वाग्भट्ट शतावरी चूर्ण :
शतावरी चूर्ण के कुछ सामान्य प्रयोग:
० शतावरी चूर्ण को गाय के दूध में खीर बनाकर खाने से पुरुषार्थ बढ़ता है।
० शतावरी चूर्ण को दूध में उबालकर पीने से स्त्रियों में दूध की मात्रा बढ़ती है। शारीरिक शक्ति भी बढ़ती है।
० शतावरी घृत की मालिश से शरीर की दुर्बलता मिटती है, खाने से बलवीर्य की वृद्धि होती है ।
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राजीव दीक्षित मेमोरियल ट्रस्ट,
शतावरी के फायदे (Shatavari Benefits and Uses in Hindi)
बहुत सालों से शतावरी का भिन्न-भिन्न तरीके से इस्तेमाल होता आ रहा है। शतावरी के फायदे लेने के लिए आपको शतावरी के आयुर्वेदीय गुण-कर्म, उपयोग के तरीके, उपयोग की मात्रा, एवं विधियों की जानकारी होनी जरूरी है, जो ये हैंः-
अनिद्रा रोग (नींद ना आने की परेशानी) में शतावरी का इस्तेमाल
कई लोगों को नींद ना आने की परेशानी होती है। ऐसे लोग 2-4 ग्राम शतावरी चूर्ण को दूध में पका लें। इसमें घी मिलाकर खाने से नींद ना आने की परेशानी खत्म होती है। कहने का मतलब यह है कि शतावर चूर्ण अनिद्रा की बीमारी में बहुत ही लाभकारी हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद शतावरी का सेवन
गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे बहुत ही लाभकारी सिद्ध होते हैं। गर्भवती महिलाएं शतावरी, सोंठ, अजगंधा, मुलैठी तथा भृंगराज को समान मात्रा में लें और इनका चूर्ण बना लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में लेकर बकरी के दूध के साथ पिएं। इससे गर्भस्थ शिशु स्वस्थ रहता है।
स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए शतावरी का सेवन
कई महिलाओं को मां बनने के बाद स्तनों में दूध की कमी की शिकायत होती है। ऐसी स्थिति में महिलाएं 10 ग्राम शतावरी के जड़ के चूर्ण (Shatavari Powder) को दूध के साथ सेवन करें। इससे स्तनों में दूध की वृद्धि होती है। इसलिए डिलीवरी के बाद भी शतावरी के फायदे महिलाओं को मिलना उनके सेहत के लिए अच्छा होता है।
1-2 ग्राम शतावरी के जड़ से बने पेस्ट का दूध के साथ सेवन करें। इससे स्तनों में दूध अधिक होता है।
इसी तरह शतावरी को गाय के दूध में पीस कर सेवन करें। इससे दूध स्वादिष्ट और पौष्टिक भी हो जाता है।
राजीव दीक्षित मेमोरियल ट्रस्ट, Vagbhatt
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